अंगिका भाषा : इतिहास, व्याकरण, शब्दकोश और सांस्कृतिक महत्व
अंगिका, बिहार की प्राचीन अंगभूमि की भाषा है, जिसने न केवल स्थानीय समाज के विचार, संस्कृति और लोकसाहित्य को आकार दिया बल्कि प्राचीन काल से ही अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखी।
अंगिका, बिहार की प्राचीन अंगभूमि की भाषा है, जिसने न केवल स्थानीय समाज के विचार, संस्कृति और लोकसाहित्य को आकार दिया बल्कि प्राचीन काल से ही अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखी।
केसरिया न केवल बिहार की, बल्कि भारत की बौद्ध धरोहर का एक अनुपम उदाहरण है। यह स्थल न केवल भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है, बल्कि यह विश्व की एक अनमोल स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत भी है। केसरिया स्तूप, अपनी विशालता, भव्यता और आध्यात्मिकता के साथ आज भी आने वाली पीढ़ियों को शांति, त्याग और ज्ञान का संदेश देता है।
भारत की सांस्कृतिक विविधता में अनेक लोककलाओं का विशेष स्थान है, जिनमें से एक है मिथिला पेंटिंग, जिसे मधुबनी पेंटिंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पेंटिंग बिहार राज्य के मिथिला क्षेत्र की एक पारंपरिक चित्रकला शैली है, जो अपनी विशिष्ट रंग योजना, विषयवस्तु और परंपरागत तकनीकों के लिए प्रसिद्ध है। यह न केवल एक कलात्मक अभिव्यक्ति है, बल्कि मिथिला की स्त्रियों की सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का भी सशक्त प्रतीक है।
बज्जिका मैथिली भाषा की एक उपभाषा है, जो मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में, साथ ही नेपाल के कुछ भागों में बोली जाती है। समृद्ध…